Automobile Engineering (दक्षता के कार्य )

 दक्षता के कार्य  

एक अच्छे व्हीकल मोटर मैकेनिक को वाहन का सर्जन या डॉक्टर कहे तो गलत नही होगा क्यूं की खराब वाहन / इंजन का उपचार करके उसे कार्य करने योग्य बनाता है, दक्षता ग्रहण करने के कुछ क्रियाओं का वर्णन नीचे लिखा है —





1. बंधे भाग अलग अलग करना — वाहन / इंजन के भिन्न भिन्न बाहरी / भीतरी भाग और उपभाग बंधको से कसे होते हैं, उपयुक्त औजारों का प्रयोग करके , काम समय तथा कम मेहनत से सुरक्षित रूप इन्हें अलग अलग कर सकें !


2. भागों को साफ करना — भागों पर लगी मिट्टी / धूल / तेल आदि को बिलकुल साफ करने में दक्ष होना चाहिए !


3. भागों को धोना — तरल और वायु दवाब से पार्ट्स धोने को फ्लशिंग कहते है !


4. भागों की सिधाई — बंधे हुए मुख्य भाग से उपकरणों का इक्कठे या उपभागो में ही बांधे भागों में सीधाई का तालमेल बिठाना अलाइंग करना कहते है , जैसे — कनेक्टिंग रॉड अलाइनमेंट करना ! 


5. क्लीयरेंस सेटिंग — एक स्थिर भाग के संपर्क में जब दूसरा भाग भी स्थिर या चाल लेता हो या दो आपसी संपर्क में फिट किए भागों के मध्य रखे गए महीन अंतर का सही मान बनाना ही क्लीयरेंस सेटिंग कहलाता है !


6. समायोजन — आपसी संपर्क में कार्यरत भागों / उपभागों के बिगड़े तालमेल को सही करना ही समायोजन करना होता है जैसे वाल्व / टेपट एडजस्टमेंट आदि !


7. खुले भागों को बांधना — वाहन / इंजन के भिन्न भिन्न बाहरी / भीतरी भाग / उपभाग , बंधको या जोड़ को से कसने होते है ! उपयुक्त औजारों का प्रयोग करके काम समय और काम मेहनत से सुरक्षित रूप में इन्हे जोड़ना ही असेंबलिंग करना कहलाता है !


8. सही क्रम से कसना — जब किसी पार्ट पर स्टुंडो / बोल्ट / नट / की संख्या अधिक हो तो इन्हे सही टर्क और क्रम से कसना ही सीक्वेंस टाइटनिंग करना कहलाता है !


9. कार्बन हटाना — किसी पार्ट पर चिपकी कार्बन को हटाना ही कार्बोनाइजिंग करना कहलाता है , जैसे पिस्टन हैड पर लगी कार्बन !


10. सही पैमाईश करना — समय , भार, आयतन , तापमान और दूरी आदि को शुद्ध नापना ही सही पैमाईश करना कहलाता है !


11. फिटरशॉप की क्रियाएं — इसमें धातु काटना, रेतना, छिलना, खुरचना, छितराना , काम पकड़ना , ड्रिलिंग , थ्रेडिंग जैसे कार्य भी करने होते हैं !


12. ग्राइंडिंग और रिफेसिंग — ग्राइडिंग व्हील से धातु निशानों को समाप्त करना ग्राइंडिग और फेस सतह से गड्ढे निशान हटाने को रिफेसिंग करना कहते है !


13. बोरिंग , होनिंग और लैपिंग — किसी सिलेंडर के निशान , अंडाकार आकार रूप या ढलान के समाप्त करने के लिए, धातु काटना बोरिंग, इस खुरदरी सतह को चमकदार बनाना हॉनिंग और एक पार्ट को दूसरे में डाल कर उनकी वर्किंग सीट बनाने की क्रिया लैपिंग कहलाती है !


14. चार्जिंग — वाहन इंजन की घूमती फैन बैल्ट के अल्टरनेट द्वारा या बिजली करेंट से बैटरी सैलो को आवेशित करना ही चार्जिंग कहलाता है !


15. एअर ब्लीडिंग — जिस पाइप के तरल बहाव में हवा की मौजूदगी से , तरल के बहने से रुकावट पैदा होती हो , इसे एअर लॉक कहते हैं अतः तरल दवाब से ही हवा काटने या निकलने की विधि को एअर ब्लीडिंग करना कहते हैं!


16. सर्विसिंग और ट्यूनिंग — सफाई, धुलाई, रखरखाव तथा देखभाल करने को सर्विसिंग और वर्किंग पार्ट्स के समायोजन करने को ट्यूनिंग करना कहते है !


17. परीक्षण — तरल / हवा के दवाब या लिकेज, सक्शन बैटरी इलेक्ट्रोलाइट घोल की घनता, विद्युत परिपथो की कंटीनॉटी शार्ट या ओपन होने की जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया को परीक्षा कहते है !


18. परिणाम आंकलन — परीक्षण के परिणामों से सही स्थिती का ज्ञान प्राप्त होना !


19. टाइमिंग बांधना — पावर स्टोक में पिस्ट स्थिती तथा क्रम अनुसार स्पार्क देने के लिए डिस्ट्रीब्यूटर से इग्निश टाइमिंग या डीजल इंजनों में इंजेक्शन टाइमिंग और वर्किंग साइकिल में पिस्टन स्थिति तथा वाल्वों के क्रम अनुसार खुलने और बंद करने के लिए , क्रैंकशाफ्ट और कैमशाफ्ट के गीयरों में आपसी तालमेल बैठाना टाइमिंग बांधना कहलाता है ! 


एक अच्छे मोटर व्हीकल मैकेनिज्म के लिए इस व्यवसाय / उद्योग में उन्नति के शिखर तक पहुंचने का मान है !




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